ग्रोथ-इंडिया टेलिस्कोप का पहला विज्ञान ऑब्जेरवेशन
हनले, लद्दाख में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला में 0.7 मीटर ग्रोथ-इंडिया दूरबीन ने अपना पहला विज्ञान अवलोकन किया है जो नोवा विस्फोटक का अनुवर्ती अध्ययन है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत, जर्मनी, ताइवान, यूके और इज़राइल के विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान इस पहल का हिस्सा हैं।
ग्रोथ-इंडिया भारत की पहली पूरी रोबोटिक दूरबीन है जो वैश्विक घटनाओं को पकड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है।
नोवे सफेद बौने सितारों की सतह पर हिंसक विस्फोटों से विस्फोटक घटनाएं हैं, जिससे स्टार की चमक में अस्थायी वृद्धि हुई है।
द एस्ट्रोनोमर टेलीग्राम में प्रकाशित इस पर एक रिपोर्ट ने नोवा विस्फोट की परिमाण को पहली बार 8 नवंबर से 10 नवंबर के दौरान डर्नी एट अल द्वारा पहचाना गया है।
हनले, लद्दाख में स्थित भारतीय खगोलीय वेधशाला में 0.7 मीटर ग्रोथ-इंडिया दूरबीन ने अपना पहला विज्ञान अवलोकन किया है जो नोवा विस्फोटक का अनुवर्ती अध्ययन है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, भारत, जर्मनी, ताइवान, यूके और इज़राइल के विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान इस पहल का हिस्सा हैं।
ग्रोथ-इंडिया भारत की पहली पूरी रोबोटिक दूरबीन है जो वैश्विक घटनाओं को पकड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है।
नोवे सफेद बौने सितारों की सतह पर हिंसक विस्फोटों से विस्फोटक घटनाएं हैं, जिससे स्टार की चमक में अस्थायी वृद्धि हुई है।
द एस्ट्रोनोमर टेलीग्राम में प्रकाशित इस पर एक रिपोर्ट ने नोवा विस्फोट की परिमाण को पहली बार 8 नवंबर से 10 नवंबर के दौरान डर्नी एट अल द्वारा पहचाना गया है।
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