Friday, 14 June 2019

NIRD-PR ने सतत आजीविका और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

NIRD-PR ने सतत आजीविका और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायती राज (NIRDPR) ने सस्टेनेबल लाइवलीहुड्स एंड अडाप्टेशन टू क्लाइमेट चेंज (SLACC) का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिससे ग्रामीण गरीब फार्म होल्ड्स को क्लाइमेट चेंज के अनुकूल बनाने और उनकी आजीविका को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत NIRDPR ने प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ने पहले बैच के क्लाइमेट-स्मार्ट कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन का प्रशिक्षण लिया है ताकि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए जमीनी स्तर पर समुदाय की मदद करें।

पायलट आधार पर मध्य प्रदेश के शिवपुर और मंडला जिलों और बिहार के मधुबनी और गया जिलों के लिए यह परियोजना शुरू हुई है।

 प्रशिक्षण समुदाय की अनुकूली क्षमता में सुधार करने में मदद करेगा, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कृषि आधारित आजीविका में लगे गरीबों के लिए।

मध्यप्रदेश और बिहार के कुल 638 सूखे और बाढ़ प्रभावित गांवों को इस तरह की पहली पहल के तहत पायलट आधार पर कवर किया जा रहा है।

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