Friday, 6 March 2020

वैज्ञानिक ऐसे जीवाणुओं की पहचान करते हैं जो चाय के पौधों में उर्वरकों, फफूंदों की जगह ले सकते हैं

वैज्ञानिक ऐसे जीवाणुओं की पहचान करते हैं जो चाय के पौधों में उर्वरकों, फफूंदों की जगह ले सकते हैं

भारतीय वैज्ञानिक चाय बागानों में ऐसे रसायनों के उपयोग को कम करने के लिए एक समाधान लेकर आए हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान, टी-प्लांट और संबंधित जेनेरा से जुड़े एंडोफाइटिकिनो बैक्टीरिया की महत्वपूर्ण पौधों की वृद्धि-संवर्धन और ऐंटिफंगल गतिविधियों को पाया है। शक्तिशाली संयंत्र विकास को बढ़ावा देने वाले उपभेदों। एंडोफाइटिक एक्टिनोबैक्टीरिया का अनुप्रयोग चाय बागान में रासायनिक आदानों को कम कर सकता है।

46 आइसोलेट्स में से, 21 आइसोलेट्स ने कम से कम एक टेस्ट फंगल फाइटोफैथोजेन और उपभेदों SA25 और SA29 के व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीफंगल गतिविधि का प्रदर्शन बाधित किया।


वर्तमान अध्ययन में चाय उद्योग में रासायनिक आदानों के उपयोग को कम करने और बदलने के लिए संयंत्र लाभकारी विशेषताओं वाले एन्डोफाइटिकैक्टिनो बैक्टीरिया के उपयोग का प्रयास किया गया है।

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