Sunday, 26 August 2018

भारत की पहली इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम जुड़े पवन ऊर्जा परियोजना कमीशन की गई

 भारत की पहली इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम  जुड़े पवन ऊर्जा परियोजना कमीशन की गई

भारत की पहली इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) नीलामी की 126 मेगावाट की पवन ऊर्जा की एक हिस्से क्षमता भुज, गुजरात में शुरू की गई थी


 
सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) ने फरवरी 2017 में भारत की पवन ऊर्जा परियोजनाओं की पहली नीलामी आयोजित की थी। उसमें 3.46 रुपये का टैरिफ खोजा गया था, जो मौजूदा टैरिफ में फ़ीड से काफी कम था।


 
आईएसटीएस पर परियोजनाओं के लिए 1,000 मेगावाट की बोली थी। एक राज्य (नवीकरणीय संसाधन समृद्ध राज्य) से उत्पन्न आईएसटीएस बिजली के माध्यम से अन्य नवीकरणीय कमी वाले राज्यों में प्रेषित किया जा सकता है।

 
मायट्र, इनॉक्स, ओस्ट्रो, ग्रीन इंफा और अदानी ने नीलामी जीती। ओस्ट्रो कच्छ विंड प्राइवेट लिमिटेड को 5 अप्रैल 2017 को 250 मेगावाट क्षमता के लिए 18 महीने की कमीशन अवधि के साथ पुरस्कार पत्र जारी किया गया था।


 
इस परियोजना से उत्पन्न ऊर्जा बिहार, ओडिशा, झारखंड और उत्तर प्रदेश द्वारा खरीदी गई है।
यह 126 मेगावाट आईएसटीएस परियोजना 2022 तक 175 जीडब्ल्यू आरई की सरकार की योजना के मुताबिक, बाजार की खोज की गई टैरिफ के आधार पर पवन ऊर्जा में क्षमता वृद्धि की शुरुआत को दर्शाती है।
सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड भारत जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए स्थापित नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की एक कंपनी है।मुख्यालय: नई दिल्लीअभिभावक संगठन: नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयस्थापित: 9 सितंबर 2011

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