वाराणसी में 36 वें भारतीय कालीन एक्सपो
यह 'मेड इन इंडिया' पहल का हिस्सा भी है।
भारत आज कार्पेट का सबसे बड़ा उत्पादक है, और वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का लगभग 35 प्रतिशत है।
एक्सपो 21-24 वीं 2018 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 5 दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, भदोही और मिर्जापुर शहर कार्पेट उद्योग के महत्वपूर्ण केंद्र थे, इससे हस्तशिल्प और छोटे और मध्यम उद्योगों के प्रयासों में वृद्धि होगी।
भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, आगरा, जयपुर, पानीपत और श्रीनगर इत्यादि जैसे मुख्य कालीन उत्पादन क्षेत्रों के निर्माता और निर्यातक एक्सपो में अपने हस्तनिर्मित कालीन, गलीचा और अन्य मंजिल-कवरिंग का प्रदर्शन करने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे।
यह वर्ष 2000 में शुरू किया गया था और एक द्विवार्षिक मेला है
यह 'मेड इन इंडिया' पहल का हिस्सा भी है।
भारत आज कार्पेट का सबसे बड़ा उत्पादक है, और वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का लगभग 35 प्रतिशत है।
एक्सपो 21-24 वीं 2018 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 5 दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, भदोही और मिर्जापुर शहर कार्पेट उद्योग के महत्वपूर्ण केंद्र थे, इससे हस्तशिल्प और छोटे और मध्यम उद्योगों के प्रयासों में वृद्धि होगी।
भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, आगरा, जयपुर, पानीपत और श्रीनगर इत्यादि जैसे मुख्य कालीन उत्पादन क्षेत्रों के निर्माता और निर्यातक एक्सपो में अपने हस्तनिर्मित कालीन, गलीचा और अन्य मंजिल-कवरिंग का प्रदर्शन करने वाले कार्यक्रम में भाग लेंगे।
यह वर्ष 2000 में शुरू किया गया था और एक द्विवार्षिक मेला है
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