मछली की नई प्रजातियों की खोज की गई जो तरंगदैर्ध्य का पता लगा सकती हैं
बेसल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वाल्टर सैलज़बर्गर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में गहरे समुद्र में रहने वाले मछली का विश्लेषण किया और पाया कि कुछ गहरे समुद्र में मछली ने अपने रोडोप्सिन जीन का विस्तार किया है।
गहरे समुद्र में मछलियों की प्रजातियों का घर है, जो खोजे गए शोधकर्ताओं के समीप के अंधेरे में विभिन्न तरंग दैर्ध्य का पता लगा सकते हैं।
गहरे समुद्र पृथ्वी पर सबसे बड़ा निवास स्थान है और फिर भी इसकी दुर्गमता के कारण कम से कम खोज की गई है।
बेसल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वाल्टर सैलज़बर्गर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में गहरे समुद्र में रहने वाले मछली का विश्लेषण किया और पाया कि कुछ गहरे समुद्र में मछली ने अपने रोडोप्सिन जीन का विस्तार किया है।
गहरे समुद्र में मछलियों की प्रजातियों का घर है, जो खोजे गए शोधकर्ताओं के समीप के अंधेरे में विभिन्न तरंग दैर्ध्य का पता लगा सकते हैं।
गहरे समुद्र पृथ्वी पर सबसे बड़ा निवास स्थान है और फिर भी इसकी दुर्गमता के कारण कम से कम खोज की गई है।
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